व्हाट्सएप और फेसबुक पर वायरल हो रहे फर्जी प्रेस नोट के पीछे कौन है जो विभाग की छवि को कर रहा धूमिल
बड़े अधिकारियों को गुमराह करके दबाना चाहता है रोगी कल्याण की जांच
बड़े अधिकारियों को गुमराह करके दबाना चाहता है रोगी कल्याण की जांच
SATYA BHARAT की खबर
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झाबुआ । बगैर हाथ पांव वाला प्रेस नोट व्हाट्सएप और फेसबुक पर जमकर वायरल हो रहा है आखिरकार कौन है इसके पीछे षड्यंत्रकारी जो विभाग की छवि को धूमिल करने में लगा हुआ है इस पर वरिष्ठ अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए और इसकी तह तक जाना चाहिए कि यह फर्जी प्रेस नोट कहां से आया? ये जांच का विषय है। वायरल हो रहे प्रेस नोट में किसी भी अधिकारी के हस्ताक्षर मौजूद नहीं है फर्जी और बिना तथ्यात्मक वायरल चलिए हम बताते हैं इस पूरे फर्जी और
आधारहीन प्रेस नोट के पीछे का राज एक नज़र कल्याण की जांच पर..* फर्जी आधारहीन प्रेस नोट की जगह यदि रोगी कल्याण समिति की निष्पक्ष जांच हो जाए तो निश्चित ही पेटलावद सिविल अस्पताल में बडे घोटाले के रूप में उजागर हो सकता रोगियों के हित के लिए रोगी कल्याण की समिति में पाई पाई जमा की जाती हैं परंतु जब से डॉक्टर कटारा ने बीएमओ का पद हत्याया हैं तभी से रोगी कल्याण मैं जमा धनराशि और उसका हिसाब किताब का ब्यौरा यदि देखा जाए तो रोगी कल्याण का खजाना ख़ाली हो गया है आखिरकार रोगी कल्याण का पैसा कहां खर्च हुआ किसके हित में हुआ यह भी जांच का विषय है? रोगी कल्याण समिति का खजाना हुआ ख़ाली को लेकर तमाम शिकायतें हो चुकी है उसके बावजूद कोई जांच ना होना कहीं ना कहीं जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान दागे जा सकते है। हर जगह माननीय मंत्री जी का नाम लेकर अपना काम कर रहा है। रोगी कल्याण समिति में किये गए अनियमित भुगतान की यदि कलेक्टर मैडम एक बार जांच हो जाए तो बड़ी मेहरबानी होगी..