नगर बना अंधेरी नगरी परिषद के जिम्मेदार कर रही चौपट राजा की तर्ज पर काम…
नगर बना अंधेरी नगरी परिषद के जिम्मेदार कर रही चौपट राजा की तर्ज पर काम...

नगर बना अंधेरी नगरी परिषद के जिम्मेदार कर रही चौपट राजा की तर्ज पर काम…
नगर डूबा अंधरे में, कर्मचारी हो रहे लोगो की शिकायतो का शिकार…!
कर्मचारियों की पीड़ा…परिषद से नही मिलता सामान –
रिपोर्टर-सुनील खोड़े
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पेटलावद । नगर परिषद इन दिनों लाचार नजर आ रही है.. नगर के 15 ही वार्डो के हालात खराब है…. नगर परिषद में जब से सीएमओ के रूप में आशा भंडारी ने पदभार ग्रहण किया है तब से मानो परिषद विकास कार्यों की गति में मानो ग्रहण सा लग चुका है…. नगर वासिय मूलभूत सुविधाओ से वंचित हैं वार्डों के हालात बद से बदत्तर होते दिखाई पड़ रहे हैं। सफाई के नाम पर चांद चौराह चमका दिए गए परंतु आंतरिक गली और वार्डों की हालत बहुत दयनीय बनी हुई है। कहीं समय पर पानी नहीं पहुंच पा रहा है। और अब तो हालात ये हो गए है कि नगर के अधिकांश स्थानों पर अंधेरा पसरा पड़ा है। वार्डो में लगी स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी है। जिससे लोग अंधेरे में रहने को मजबूर है। लोगों के आक्रोश और शिकायतों का शिकार छोटे कर्मचारी हो रहे हैं। जबकि उन्हें परिषद से मिलने वाली सामग्री नहीं मिल पा रही है। ऐसे में उनके सामने एक बड़ा संकट है। रात्रि में अंधेरा होने के कारण नगर में कभी भी कोई बड़ी घटना भी हो सकती है, बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। लेकिन जिम्मेदारों की हठधर्मिता के चलते परिषद और कर्मचारी बेबस ओर लाचार नजर आ रहे हैं। समस्या सामने होने के बाद भी उनका निराकरण नहीं हो पा रहा है मजबूरन लोग सीएम हेल्पलाइन कर रहे हैं। लेकिन निराकरण के नाम पर शिकायतकर्ताओं को नियमों का पाठ पढ़ाते हुए उन्हें कार्यवाही कर देने का भी डर बताया जाता है। परिषद में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष सहित समस्त पार्षद मिलकर भी नगर को मूलभूत सुविधाएं देने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। कई वार्ड में पार्षद अपने निजी खर्चे पर लोगों को सुविधा देने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि उन्होंने अपने घोषणा पत्र में बड़े-बड़े दावे और वादे किए थे जो की कहीं ना कहीं खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं। इसमें पार्षदों की गलती तो नहीं कहीं जा सकती है क्योंकि परिषद में जिम्मेदार अधिकारी के आगे सभी नतमस्त दिखाई पड़ रहे है।