मोबिलिटी स्पोर्ट का मामला कितना सच्च कितना झूठा
मोबिलिटी सपोर्ट वाहन का मामला कितना सच्च कितना झूठा
झाबुआ :- जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा मोबिलिटी स्पोर्ट वाहन की विज्ञाप्ति जेम पोर्टल पर निकाली गयी थी जिसमे जायसवाल टूर and ट्रेवल्स के साथ चार अन्य फर्म द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया गया जिसमे स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुछ शर्ते निर्धारित की गयी थी उनमे से चार फर्म अपनी निर्धारित शर्ते पूर्ण कर बिड मे भाग लिया गया, भाग लेने के पूर्व प्री बिड आयोजित की जाती है जिसमे कोई फर्म भाग नही लेती है प्री बिड के बाद टेंडर कमेटी की तकनिकी जांच की बैठक आयोजित की गयी जिसमे सीएमएचओ ने खुद आठ सदस्यों के साथ भाग लिया तकनीकी जांच मे 5 मेसे 4 फर्म रह गयी, यहां तक आपको बता दे की तकनिकी जांच के बाद अगर किसी फर्म को कोई आपत्ति थी तो उसे जेम बिड के अनुसार 72 घंटे का समय मिलता है आपत्ति लगाने को लेकिन किसी अलोक टूर and ट्रेवल्स द्वारा कोई आपत्ति बिड पर नही की गयी जबकि जायसवाल टूर एंड ट्रेवल द्वारा जरूर निरस्त के लिए आवेदन ऑफलाइन दिया गया था नियमानुसार अगर किसी फर्म को आपत्ति थी तो दर्ज की जानी थी आपको बता दे यही वह फर्म है जो तकनिकी बिड खुलने के बाद रोज बिड खोलने के लिए सीएम एचओ पर दिन भर कॉल कर दबाव बड़ा रही थी फर्म के व्यक्ति द्वारा रोज जेम पर बिड खोलने का दबाव बड़ा रहे थे क्योंकि इनकी कही मिली भगत थी इसीलिए बिड खुलवाने पर जोर देते रहे l ज़ब 14/02/2025 को बिड खोलने के लिए कमेटी बैठक हुई उसमे भी सीएम एच ओ के समकच बिड खोली गयी और उन्ही के सामने, पूरी टेंडर समिति के सामने खोली गयी खोलने पर जेम पोर्टल ने जायसवाल टूर एंड ट्रेवल्स के भाग्य का साथ दिया और मोबिलिटी स्पोर्ट वाहन का टेंडर उनके नाम हुआ सब बिलकुल निष्पक्ष और सबके सामने हुआ l बस यही से फर्जी हस्ताक्षर से शिकायतों का दौर चलता रहा ज़ब अलोक टूर एंड ट्रेवल्स का काम नही हुआ तो उनके द्वारा शिकायत करना प्रारम्भ कर दी अगर ये तकनीकी बिड के वक़्त अपनी आपत्ति दर्ज करते l लेकिन ऐसा नही हुआ ज़ब अपने हक मे फैसला नही आया तो इन्होने शिकायत चालू कर दी जयेश पढ़ियार संचालक के द्बारा बताया गया की उनके रेट किसी ने अलोक एंड फर्म तक पहुंचा दिए हो शायद इसीलिए इनके द्वारा आशान्वित थे की टेंडर उनका होगा लेकिन ऐसा नही हुआ, आगे जयेश बताते है की यही के किसी व्यक्ति द्वारा अलोक डोंगरे के फर्जी हस्ताक्षर कर शिकायत की जा रही है, हस्ताक्षर का मिलाने पर सच्च सामने आजायेगा, मेरे पास प्रयाप्त वाहन है जो जिले के कई विभागों मे अनुबंधित है और चल रहे जो लोग यह बात कर रहे या तो उन्हें पता नही या कुछ और है जायसवाल टूर एंड ट्रेवल्स पिछले 8,10 साल से स्वास्थ्य विभाग को सेवा दे रही है, जयेश आगे बताते है की अलोक टूर एंड ट्रेवल्स ने जो वाहन के no दिए है वह सभी खरगोन जिले मे अटैच है वहा कार्यरत है उन्ही वाहनों के कागज लगाये गए है जो गलत है सिर्फ कमीशन के लिए बाहरी फर्म यहां टेंडर भर्ती है सिर्फ कमीशन के लिए जिस रेट पर टेंडर होता है वह यहां प्रदाय नही किया जाता और 20,25 हजार तक वाहन इसी जिले के रखे जाते है जिन्हे 1000 किलो मीटर का डीजल खुद वहन करना होता 10000 वाहन चालक को देना होता है मात्र 5,7 हजार वाहन मालिक को मिलते है हम तो सेवा कर रहे, पर बाहरी फर्म यहां कमीशन के खेल खेलने आती है l दो दो तीन तीन माह तक पैसा वाहन मालिक को नही मिलता l उक्त फर्म सिर्फ अपने फायदे के लिए शिकायत कर रही जयेश ने बताया की मेरे द्वारा 3,4 शिकायते फर्जी हस्ताक्षर से शिकायत करने की की जा चुकी है पर उस पर कोई कार्य वही नही की जा रही है मेरे द्वारा दो शपथ पत्र सीएम एच ओ को दिए जा चुके है l मुझे आज दिनांक तक कार्य आदेश जारी नही किया गया कहा कहा कितनी कितनी वाहन देना है l बिना कार्य आदेश के कार्य करने मे असुविधा हो रही है l आगे कल के अंक मे