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अलोक टूर एंड ट्रेवल्स का क्या है राज कौन कर रहा इसे प्रमोट

कल तक निविदा खुलवाने पर दबाव दे रही थी अपने हक मे निविदा नही होने पर शिकायत करने लगे

झाबुआ प्रतिनिधि  कुछ दिनों से स्वास्थ्य विभाग मे हुवे मोबिलिटी सपोर्ट के टेंडर पर बहुत चर्चा चल रही इस बारे मे जानने हमारी टीम जायसवाल टूर एंड ट्रेवल्स के संचालक के पास गयी इस का सच जानने तो जयेश ने बताया पूरी प्रकिया पारदर्शिता के साथ हुई जिसमे विभाग की टेंडर समिति के समकच्छ हुई यहां गौर करने वाली बात है की जो अलोक टूर एंड ट्रेवल खरगोन इस पर हल्ला मचा रही है वह कल तक टेंडर को खुलवाने पर राजनीती कर रही थी रोज ऑफिस मे नाना प्रकार के लोगो से काल करवा रही थी ऑफिस मे कुछ लोग माइक और चैनल लेकर भी गए और खुलवाने के लिए, मे उस समय निविदा निरसती के लिए लगा हुआ था क्योंकि मेरी रेट लिस्ट ओपन होगयी थी किन्तु अलोक टूर एंड ट्रेवल्स और फर्म का स्थानीय भागीदार कमिसन एजेंट रोज कॉल लगवाता था क्योंकि इन्हे पक्का यकीन था की टेंडर उन्ही का होगा, अगर उन्हें मेरे बारे मे मेरी वाहनों के बारे मे जानकारी थी तो वे वित्तीय बिड खुलने तक चुप क्यों रहे ? क्या कारण था उसका जवाब भी है मेरे पास इस फर्म को उस वक़्त मेरी फर्म की आवश्यकता थी क्योंकि मेरी दो फर्म थी और बिड मे तीन फर्म होती तोहि बिड खुलती इसलिए उन्होंने उस वक़्त आपत्ति नही ली सिर्फ निविदा खोलने पर अड़ी रही उन्हें निविदा उनके पक्छ मे होने का पक्का यकीन था इसलिये इनके द्वारा कोई आपत्ति नही लगाई जबकि मेरे द्वारा दो आपत्ति लगाई, ज़ब फैसला इनके पक्छ मे नही हुआ तो उक्त खरगोन की कंपनी के स्थानीय व्यक्ति ने हो हल्ला मचाना चालू कर दिया, जयेश आगे बताते है मेरे द्वारा कार्यालय मे दो आवेदन और दो शपथ पत्र दिए है जिसमे मेरी पूरी गाड़ियों की जानकारी है मे गलत नही उक्त कम्पनी गलत है जो कार्यालय के कुछ कुछ व्यक्ति के साथ मिलकर खेल खेल रही है इनकी कॉल डिटेल निकलने पर सच्च सामने आ सकता की इन्हे इम्युनिटी कहा से मिल रही खरगोन की कंपनी इतनी आक्रमक क्यों हो रही इसके पीछे किसका खेल है जांच का विषय है घर का भेदी लंका डाये वाली तर्ज है, आगे बताते है की मे वहा हर बैठक मे उपस्थित रहा कार्यप्रणाली देखि पूरी टेंडर टीम बैठी थी उनका निर्णय है जिसमे सीएम एच ओ साहब खुद हर बैठक मे उपस्थित रहे पूरी पारदर्शिता से हुई प्रकिया को गलत बताने जुटी है कम्पनी. सवाल उठते है और उठते रहेंगे l

1.ज़ब खरगोन की कम्पनी को सब पता था तो वह चुप क्यों रही ?

2. तकनीकी बिड खुलने के और वित्तीय बिड खुलने के वक़्त क्यों नही आयी l?

3.अगर उनके पास सबूत थे तो उन्होंने तकनिकी बिड खुलने के वक़्त पेस क्यों नही किये ?

यह सब इसलिये नही किया क्योंकि उनको पूरा यकीन था टेंडर उन्ही का होगा लेकिन भाग्य मे जायसवाल टूर एंड ट्रेवल्स का साथ दिया l आगे आपको बताना चाहते जेम पोर्टल पर कोई छेड छाड़ नही कर सकता सब ऑटोमेटीक कार्य होता सब कम्प्यूटर ऑनलाइन करता जिसमे कोई गड़बड़ी नही कर सकता l जयेश के अनुसार खरगोन की कंपनी ने जो वाहन की लिस्ट दी है वह सब खरगोन मे लगे है जिसकी जानकारी निकाली जा रही हमारी टीम खरगोन से जानकारी जुटाने मे लगी है, डोंगरे टूर एंड ट्रेवल्स का कच्चा चिठा जल्दी अगले अंक मे पड़ोगे l

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