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क्या डॉक्टर कटारा के समर्थन में गए चुनिंदा डॉक्टरो पर भी होगी कार्यवाही..

क्या डॉक्टर कटारा के समर्थन में गए चुनिंदा डॉक्टरो पर भी होगी कार्यवाही..

क्या डॉक्टर कटारा के समर्थन में गए चुनिंदा डॉक्टरो पर भी होगी कार्यवाही..

धड़ल्ले से हो रहे उनके क्लीनिक भी संचालित..

झाबुआ से कृष्णा महाजन की रिपोर्ट-

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झाबुआ- नियमों को ताक पर रखकर बगैर किसी वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दिए डॉक्टरो का एक दल जिसमें चुनिंदा गिने चुने डॉक्टर जिनके वर्तमान में क्लिनिक भी संचालित हो रहे हैं। सरकारी अस्पताल में कम क्लीनिको पर ज्यादा समय व्यतीत करते हैं और ऐसी स्थिति में मरीज यहां वहां भटकता रहता है । बमुश्किल 10 से 12 डॉक्टर जिसमें कल्याणपुरा झकनावदा पेटलावद सहित अन्य स्थानों के डॉक्टर्स सीएमएचओ झाबुआ को कलेक्टर के खिलाफ एक आवेदन देने पहुंचे थे क्या उन डॉक्टरों पर भी अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी या नहीं यह एक बड़ा सवाल है। जिस पर संज्ञान लेना अतिआवश्यक है क्योंकि बिना किसी वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दिए अपने कर्तव्य स्थान से नदारत होना कहीं ना कहीं वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देशों की अवहेलना करना है।

वैसे देखा जाये तो प्रभारी बीएमओ सुरेश कटारा हमेशा षड्यंत्रकारी ही रहा है। झूठी शिकायतें झूठे प्रकरण दर्ज करवा कर अपना खौफ हमेशा कायम रखना यह कहना भी गलत नहीं होगा साह्ब ने अपने रुतबे का खौफ कहीं ना कहीं कर्मचारियों में भी बना रखा था l

*नेत्र सहायक को बना रखा था बाबू..*

नेत्र सहायक को बना रखा था रोगी कल्याण समिति का बाबू- नेत्र सहायक साहब का कनिष्ठ व धनिष्ठा बनकर रोगी कल्याण समिति के चेक धड़ले से काट रहा था इस पर भी वरिष्ठ अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि रोगी कल्याण समिति रोगियों के हित के लिए है। लाखों करोड़ों रुपए रोगी कल्याण समिति में जमा थे परंतु जब से डॉक्टर कटारा पेटलावद सिविल हॉस्पिटल का बीएमओ बना है तब से रोगी कल्याण समिति के खजाने की जांच करने पर सब पता चल जाएगा इसके पूर्व कहीं बीएमओ रहे हैं उन्होंने हमेशा रोगी कल्याण समिति की राशि में बढ़ोतरी की है परंतु कटारा साहब के आने के बाद रोगी कल्याण समिति का खजाना खाली होते चले गया इसकी भी कलेक्टर महोदिया को जांच करवाना चाहिए

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